Iran set to amputate fingers of three prisoners amnesty warns tp halt the gruesome plan.

ईरान एक बार फिर अपने क्रूर और अमानवीय कानूनों के कारण वैश्विक आलोचना के घेरे में है. अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने चेतावनी दी है कि ईरानी प्रशासन 11 अप्रैल तक तीन कैदियों की उंगलियां काटने की तैयारी कर रहा है. ये कैदी उरमिया सेंट्रल जेल में बंद हैं और इन पर 2019 में डकैती का आरोप है.

इन तीनों कैदियों के नाम हैं- हादी रोस्तामी, मेहदी शरफियान और मेहदी शाहीवंद. इन्हें मार्च में सूचित किया गया कि उनकी “अंग कटाई की सजा” जल्द ही पूरी की जाएगी. एमनेस्टी इंटरनेशनल ने इस फैसले की कड़ी आलोचना करते हुए इसे “अंतरराष्ट्रीय कानून के खिलाफ एक सीधी यातना और मानव गरिमा पर हमला” बताया है.

सजा से पहले किया गया टॉर्चर

हैरानी की बात यह है कि यह पहली बार नहीं है जब ईरान में ऐसी सजा दी जा रही है. अक्टूबर 2024 में भी इसी जेल में दो भाइयों की उंगलियां गिलोटिन जैसे यंत्र से काटी गई थीं. इन तीनों आरोपियों ने न केवल अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया है, बल्कि यह भी दावा किया है कि उनसे जबरन कबूलनामा लिया गया.

उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें पीटा गया, कोड़े मारे गए और शरीर को उल्टा लटकाकर यातनाएं दी गईं. हादी रोस्तामी ने अपनी टूटी हुई कलाई की शिकायत की, जबकि मेहदी शाहीवंद ने जेल अधिकारियों पर बलात्कार की धमकी देने का आरोप लगाया.

ईरान का कानून क्या कहता है?

ईरान का कानून कहता है कि कुछ विशेष किस्म की चोरी के मामलों में दोषियों की दाहिनी हाथ की चार उंगलियां काट दी जाती हैं, बस हथेली और अंगूठा बचता है. यह कानून अंतरराष्ट्रीय नागरिक और राजनीतिक अधिकारों की संधि (ICCPR) के अनुच्छेद 7 का उल्लंघन करता है, जिसके तहत ईरान प्रतिबद्ध है कि कोई भी व्यक्ति यातना या अमानवीय सजा नहीं झेलेगा.

अब दुनिया भर के मानवाधिकार संगठन और देश ईरान पर दबाव बना रहे हैं कि इस बर्बर फैसले को रोका जाए और दोषियों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्यवाही की जाए. एमनेस्टी ने सभी संबंधित अधिकारियों की जांच और मुकदमा चलाने की मांग की है. यहां तक कि “यूनिवर्सल जुरीस्डिक्शन” यानी वैश्विक अधिकार क्षेत्र के तहत भी.

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